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Monday, December 25, 2017

ग़ज़ल - तेरी यादों की बारिश


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Shailendra Rathaur
लेखन की विभिन्न विधाओं में माहिर युवा व होनहार प्रतिभा शैलेन्द्र राठौर की ग़ज़ल "तेरी यादों की बारिश" | 

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तेरी यादों की बारिश



तेरी यादों की बारिश में

आज भी ये दिल भीगता रहता है,
तुझे देखने की चाह में
आज भी ये मन का परिंदा उड़ता रहता है
            बहुत लंबा वक्त गुजर गया
           तेरी सांसो की खुशबू को महसूस नही किया
           पता नही अब तू कहा रहता है
पर तेरी बातो की महक में
मैं अब भी खोया खोया रहता हूं....
मेरे मन के अंधेरे में
आज भी तेरी मुस्कुराहट का उजाला बिखरता रहता है
मेरे खयालो में
आज भी तेरी मुलाक़ातों का सिलसिला चलता रहता है
           बहुत लंबा वक्त गुजर गया
         तेरी आँखों में खुद की तस्वीर को देखा नही
          पता नही क्यों तू हाथ छोड़कर चला गया
पर तेरे वादों के उन इरादों से
में आज भी बंधा बंधा सा रहता हूं।



तेरी यादों की बारिश में
  आज भी ये दिल भीगता रहता है 
                             भीगता रहता है....


  ------ शैलेन्द्र राठौर
  नामली, रतलाम, म प्र

(यह ग़ज़ल e-mail द्वारा प्राप्त | यदि आपके पास भी है कोई ग़ज़ल, कविता, कहानी, लघुकथा, लेख या लेखन से जुड़ा कुछ भी तो हमें भेज देंnitendraverma@gmail.com पर) 




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