Menu bar

New Releasing soon...my new novel कंपू 007..a topper's tale कंपू 007...a topper's tale
New इस ब्लॉग के पोस्ट को मीडिया में देखने के लिये MORE menu के Milestone पर क्लिक करें..

Sunday, June 18, 2017

कविता - इन्सान


Nitendra,speaks,hindi kahaniyan,hindi stories,poetry,poem,kawita,gazal,articles,success stories
अमित शुक्ला 
अमित शुक्ला की लिखी कविता "इन्सान"...पढ़ें...पसंद आये तो कमेंट व शेयर जरूर करें...




इन्सान

Nitendra,speaks,hindi kahaniyan,hindi stories,poetry,poem,kawita,gazal,articles,success stories


हाथ में संग लिए हर शख्स खड़ा रहता है ।
काँच का दिल है फिर भी ये अड़ा रहता है ।
एक तस्वीर किसी की है दिल में न बिखर जाये ।
खौफ इसी बात का हर वक्त बड़ा रहता है ।
जिस राह के पत्थर ने जाने से उन्हें रोका था ।
वह आज भी ठोकर के लिए वहीं पड़ा रहता है ।
चंद दिन की जिन्दगी कुछ पलों का है सुकून ।
फिर जाने क्यों इंसां इंसां से लड़ा रहता है ।

@अमित शुक्ला@


अध्यापक,(बरेली), उ प्र बेसिक शिक्षा  परिषद




2 comments:

  1. अमित जी अपनी कविता ब्लॉग पर शेयर करने के लिये धन्यवाद...सुन्दर रचना...

    ReplyDelete