सफलता की कहानी - 5
विषम परिस्थितियों से जूझना और विजेता बन कर उनसे बाहर निकलना आसान काम नहीं
है | जो ऐसा करते हैं वही होते हैं असली
हीरो | ऐसे लोग बन सकते हैं तमाम लोगों के लिये प्रेरणा स्रोत | इनको कहीं ढूंढने
जाने की जरुरत नहीं होती | ये हमें हमारे आसपास ही मिल जाते हैं...हमारे दोस्त,
गुरु, पड़ोसी या किसी और रूप में | यहाँ पर हम ऐसे ही लोगों की सफलताओं की कहानी
रखेंगे आपके सामने |
इस सीरीज के पांचवें अंक में प्रस्तुत है कहानी एक ऐसे ही विजेता विजय
अग्रवाल की | तो चलिए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी उनकी अपनी कलम से...
विजय अग्रवाल
B.Sc, JAIIB,
CAIIB
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प्रेरणा स्रोत
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माता जी
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हॉबी
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फ़िल्में देखना, क्रिकेट देखना
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पसंदीदा व्यक्तित्व
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विजय (अमिताभ बच्चन)
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मेरा नाम
विजय अग्रवाल है | मेरा जन्म 1986 में हुआ | मैं एक निम्नवर्गीय परिवार से था | हम
लोग कुल पांच भाई बहन थे | परिवार की हालत बहुत अच्छी नहीं थी | मेरी शिक्षा एक
छोटे से निजी स्कूल में हुई | मैं पढ़ने में शुरू से ही ठीक था | हर क्लास में पहली
या दूसरी रैंक पर ही रहता | मेरी इच्छा थी की बड़े होकर इंजीनयरिंग की पढ़ाई करूं | लेकिन
घर की माली हालत इतनी अच्छी नहीं थी कि घर वाले इसका खर्च उठा सकते | एक निजी
कॉलेज में B. Sc. में दाखिला
ले लिया | यहाँ भी गरीबी आड़े आई | किताबें इतनी महंगी थी जिन्हें खरीद पाना मेरे
बूते के बाहर की बात थी | मैंने उस समय खूब प्रचलन में रहीं सस्ती गाइड बुक खरीद
कर पढ़ाई की | जैसे तैसे मैंने 2006 में ग्रेजुएशन पूरी कर ली |
पढ़ाई के बाद
अब नौकरी की टेंशन थी | पूरा घर चाहता था कि मैं कुछ कमाने लगूं तो घर को कुछ सहारा
मिले | मैं भी चाहता था की किसी तरह से हाथ में कुछ पैसे आयें | मैंने एक निजी
स्कूल में मात्र पांच सौ रु प्रति महीने पर टीचर की नौकरी कर ली | बचे समय में
ट्यूशन भी देने लगा | दो साल तक ऐसे ही चलता रहा | हालाँकि मैं संतुष्ट नहीं था | इतने
पैसों से तो गुजरा होने वाला नहीं ही था | 2008 में मैंने एक निजी बैंक में
आउटसोर्स बेसिस पर मात्र 6000 रु प्रति महीना पर नौकरी ज्वाइन की | कुछ समय तक तो
सब ठीक रहा | लेकिन समय बीतने के साथ न तो मेरी तनख्वाह बढ़ी न ही पद में कोई तरक्की
हुई | मैं अपने बैंक की ओर से अक्सर क्लीयरिंग में जाता था | वहां सभी बैंक वाले
आते थे | वो मुझे खूब मोटीवेट करते थे | वो लोग कहते थे कि अभी मेरी उम्र ही क्या
है, सरकारी नौकरी की तैयारी करूं तो भविष्य बन जायेगा | मुझे उन लोगों की बात सही
लगी |
मैंने साल 2010
से सरकारी बैंक की तैयारी शुरू कर दी | मौजूदा नौकरी छोड़ने की हालत में नहीं था |
सुबह 9 बजे से रात 8 बजे तक ऑफिस में काम करता | इसके बाद बचे समय में मैं तैयारी
करता | शुरुआती डेढ़ साल में तो लिखित परीक्षा ही नही निकाल पाया | फिर जब लिखित
परीक्षा में पास होना शुरू हुआ तो साक्षात्कार के बाद अंतिम चयन में 2 -4 अंकों से
रह जाता | धीरे धीरे मैं घोर निराशा का शिकार होने लगा | घर वालों का दबाव भी
लगातार बढ़ने लगा था | घर वालों का तो साफ़ कहना था कि एक सामान्य श्रेणी में होने के
कारण हम लोगों को सरकारी नौकरी कभी नहीं मिल पायेगी |
समय तेजी से
बीत रहा था और उम्र भी | एक समय तो ऐसा भी आया जब मन में आत्महत्या का ख्याल आने
लगा | ज्यादा तनाव के कारण माइग्रेशन का शिकार हो गया | मुझे खुद की क्षमता व
योग्यता पर संदेह होने लगा था | सब छोड़छाड़ कर बिज़नेस करने का मन बना लिया | लेकिन
कहते हैं कि भगवान के घर देर हो सकती है पर अंधेर नहीं | मेहनत करने वालों की कभी
हार नहीं होती और जब मेहनत के साथ किस्मत मिल जाये तो क्या कहना | आज भी मुझे याद
है मई 8, 2013 का वो दिन जब मेरे पास IBPS का ई-मेल आया | ख़ुशी से झूम उठा था मैं
| एक बार तो मुझे खुद पर ही भरोसा नहीं हुआ | मेरा चयन सरकारी बैंक में हो गया था
| वो दिन मेरी जिन्दगी का सबसे खूबसूरत दिन था | ख़ुशी के मारे मैं सारी रात सो
नहीं पाया |
इस तरह से
मैं सरकारी बैंक में क्लर्क के पद पर चयनित हुआ | इसके बाद मैंने कड़ी मेहनत से बैंक
में होने वाले सर्टिफिकेट/कोर्स जैसे JAIIB, CAIIB, AML क्वालीफाई किये | इसका परिणाम भी मुझे
मिला | वर्ष 2016 में मेरा चयन फ़ास्ट ट्रैक चैनल के जरिये अधिकारी(स्केल 1) पद पर
हो गया |
आज मुझे
पैसों की कमी नहीं है | मेरे परिवार में मेरी अच्छी खासी प्रतिष्ठा है क्योंकि
मेरे पूरे परिवार में केवल एक मैं ही हूँ जो सरकारी नौकरी में है | मैं अभी तक के अपने
जीवन और कैरियर से पूरी तरह संतुष्ट हूँ | मैं अपनी सफलता की इस कहानी के माध्यम
से यह कहना चाहता हूँ कि हमें हमेशा आत्मविश्वास बनाये रखना चाहिये | क्योंकि सफलता
की कहानी वही लिखते हैं जो कठिन वक्त में भी हौसला बनाये रखते हैं |
धन्यवाद।
विजय अग्रवाल
Officer (Scale I), Allahabad Bank
B.Sc., JAIIB, CAIIB, AML
B.Sc., JAIIB, CAIIB, AML
(यह ‘Success Story’ e-mail द्वारा प्राप्त | यदि आपके पास भी है कोई ऐसी ही Success Story तो हमें भेज दें mail id: nitendraverma@gmail.com पर)
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