लघुकथा
अदिति सिंह |
शेर और आदमी
उसने देखा कि एक आदमी हल चला रहा था | वह उस आदमी के पास गया | वह आदमी उस शेर को देख कर डर गया और भागने लगा | शेर भी उसके पीछे भागने लगा | भागते - भागते वह आदमी एक पेड़ में चढ़ गया | उसने शेर से कहा कि मुझे छोड़ दो ! मैंने क्या किया है ? फिर थोड़ी देर रूककर उसने शेर से कहा | ठीक है, तुम मुझे खा लेना लेकिन पहले मुझे मेरे बच्चों से मिल लेने दो | शेर ने कहा ठीक है मैं तम्हें तुम्हारे बच्चों को तुमसे मिलने दूंगा |
वह आदमी अपने घर गया | वहाँ वह अपने बच्चों से मिला | उसने
अपनी पत्नी से कहा अब मुझे जाना होगा | उसकी पत्नी ने कहा : अभी–अभी तो आये हो अब
कहाँ जा रहे हो | उसने सब बात बताई तो उसकी पत्नी बोली, ठीक है तो तुम्हारे साथ मै
भी चलूंगी | आदमी ने उसे बहुत रोका लेकिन वह नहीं मानी | आखिर दोनों लोग उस शेर के
पास चले गए | जब शेर ने उन्हें देखा तो पहले तो वह देखकर बहुत खुश हो गया लेकिन
फिर उसने सोचा की इन दोनों में कितना प्यार है और अपनी बात के कितने सच्चे हैं |
अतः शेर ने उनका शिकार करने का अपना विचार त्याग दिया और जंगल की ओर चला गया |
---by- ADITI SINGH (Nikki)
Class V, St Xavier’s Sr Secondary School
Fatehpur, Uttar Pradesh, India
such a nice story
ReplyDeleteबेहतरीन प्रयास...जीवन का सुन्दर सन्देश देती लघुकथा...बधाई व शुभकामनाएं..
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